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अपनी जान से प्यारी विटिया को बचाने की जद्दोजहद में अपना सब कुछ गवांने के पश्चात भी विटिया को न बचा पाने का दुख और फिर गरीबी के कारण अपना इलाज न करा पाने में असमर्थ स्वयं को भगवान भरोसे छोड़ने वाले प्रताप सिंह जी की समूण से मिलकर ठीक होने की एक उम्मीद जगी है ।प्रताप जी की दयनीय स्तिथी के बारे में पता चलते ही समूण फाउंडेशन की टीम पहुंची है ग्राम- टैटी, पोस्ट ऑफिस-काण्डई, जिला रुद्रप्रयाग में प्रताप सिंह पटवाल जी के घर। प्रताप सिंह पटवाल जी के पैर में चोट लगने के कारण वह पिछले 6 महीने से बिस्तर पर पड़े है, कोविड-19 के कारण इलाज नहीं मिलने और आर्थिक तंगी के कारण बिस्तर में रहने के कारण कमर पर घाव हो गया है। प्रताप सिंह जी के परिवार में उनकी पत्नी, 3 बच्चे तथा उनकी माताजी हैं ।