
उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों का उत्तराखंड के विकास में योगदान
उत्तराखंड के अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों ने अपनी मेहनत, ईमानदारी और प्रतिबद्धता के बल पर राज्य को गौरवान्वित किया है। प्रवासियों के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक योगदान राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है। प्रवासी उत्तराखण्डियों के प्रयासों का सम्मान करते हुए उनके योगदान को और अधिक प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है । अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों ने न केवल अपनी व्यक्तिगत सफलता की कहानियाँ लिखी हैं, बल्कि अपनी सादगी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से उत्तराखंड को भी गलवांवितकिया है ।
आर्थिक योगदान:
अंतरराष्ट्रीय उत्तराखंडी प्रवासियों द्वारा भेजे गए धन ने उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। इन फंड्स ने परिवारों की आय बढ़ाने, जीवन स्तर सुधारने और नए लघु उद्योग स्थापित करने में मदद की है। इससे रोजगार के अनेक अवसर उत्पन्न हो रहे हैं।
सामाजिक योगदान:
प्रवासी उत्तराखंडियों द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है। स्कूल, प्रशिक्षण केंद्रों और निर्धन परिवारों की मदद के साथ-साथ जरूरतमंद विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देकर उनके भविष्य को उज्ज्वल बनाने में मदद की जा रही है। प्रवासियों की सामाजिक पहल से राज्य के विभिन्न वर्गों को सशक्त बनाने में सहयोग मिल रहा है।
भाषा, साहित्य और संस्कृति का संरक्षण एवं प्रचार:
प्रवासियों ने उत्तराखंड की
संस्कृति को वैश्विक स्तर पर प्रचारित किया है। उत्तराखंड के लोक संगीत, पारंपरिक नृत्य और कला को
विदेशी मंचों पर पहचान दिलाई है। प्रवासी अपने बच्चों को स्थानीय भाषाएँ सिखाकर उन्हें
अपनी जड़ों से जोड़ रहे हैं और भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण में योगदान दे रहे हैं।
कई प्रवासी उत्तराखंडी भाषा में साहित्यिक रचनाएँ लिखकर इस क्षेत्र में भी अनुकरणीय
योगदान कर रहे हैं।
पर्यटन में योगदान:
प्रवासी उत्तराखंडी, राज्य के पर्यटन के ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य कर रहे हैं। वे हिमालय, धार्मिक स्थलों और साहसिक पर्यटन स्थलों की अद्वितीय सुंदरता का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार कर पर्यटकों को उत्तराखंड आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। अब अधिकतर प्रवासी साल में एक बार अपने पैतृक गांवों में जा रहे हैं। वे अपने खंडहर पड़े घरों का पुनर्निर्माण कर, अपने जड़ों से फिर से जुड़ने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, वे अपने विदेशी सहकर्मियों को भी उत्तराखंड आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।
रोजगार में योगदान:
अपनी कठिन मेहनत, सादगी, ईमानदारी और कुशल नेतृत्व
के बल पर प्रवासी उत्तराखंडियों ने जहां भी काम किया है, वहां अपनी अलग पहचान बनाई है। इसके कारण विभिन्न
कंपनियाँ उत्तराखंड के लोगों को नौकरी देने में प्राथमिकता दे रही हैं। विशेष रूप से
हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में उत्तराखंडी शेफ्स ने अपने स्वादिष्ट भोजन बनाने की कला और
कौशल के माध्यम से राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाए हैं। विदेशी रेस्टोरेंट्स
और होटलों में अपनी उपस्थिति दर्ज कर वे न केवल व्यक्तिगत सफलता प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि उत्तराखंड के युवाओं
के लिए नए अवसर भी पैदा कर रहे हैं।
उत्तराखंडी भोजन का प्रचार:
प्रवासी उत्तराखंडीयों द्वारा आयोजित फूड फेस्टिवल और रेस्टोरेंट्स में उत्तराखंड की सांस्कृतिक और प्राकृतिक सुंदरता को प्रदर्शित किया जा रहा है। ये कार्यक्रम वैश्विक स्तर पर 'देवभूमि' के स्वाद और परंपरा को लोकप्रिय बनाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
चुनौतियाँ और समाधान:
हालाँकि, अंतरराष्ट्रीय प्रवासी उत्तराखंडी प्रदेश के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं, लेकिन कई बार वे आर्थिक और मानसिक संकटों से भी गुजरते हैं, खासकर जब वे गलत लोगों के प्रभाव में आ जाते हैं। इसके अलावा, उत्तराखंड में निवेश और किसी प्रोजेक्ट में काम करने के लिए प्रशासनिक बाधाएँ भी सामने आती हैं। सरकार और समाज को मिलकर एक सकारात्मक वातावरण तैयार करना चाहिए ताकि प्रवासी उत्तराखंडी अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकें और उनके प्रयासों को अधिक समर्थन मिल सके।
विनोद जेठुडी
प्रवासी उत्तराखंडी